मेनका भूवरी उतरे
स्वरूपाचे तुटती तारे तुटती तारे
भावना रुपचंद्राची
कामना भूप इंद्राची
उधळीत फुले गर्वाची मदनिका रंजना विहरे
चालते रंगढंगात
चमके वीज अंगात
गरगरा रोमरोमांत फिरविते चांदणे भवरे
बोलते धुंद डोळ्यांत
हासते मंद गालांत
लाजर्या लोभरागात प्रणयिनी जादुही पसरे
गीत | – | पी. सावळाराम |
संगीत | – | वसंत प्रभु |
स्वर | – | सुमन कल्याणपूर |
चित्रपट | – | देव जागा आहे |
गीत प्रकार | – | चित्रगीत |