जब दुःख की आंधी चलती है
जब सब दरवाजे बंध मिले
अपनों की कमी जब खलती है
तब माँ मेरा हाथ पकड़ती है
मेरी माँ मेरा हाथ पकड़ती है
तब माँ मेरा हाथ पकड़ती है
मेरी माँ मेरा हाथ पकड़ती है
बस माँ का सहारा मिल जाए
एक माँ का इशारा मिल जाए
जब माँ के नाम का तिनका हो
डूबे को किनारा मिल जाए
जब घोर अंधेरो में मन की
आखों से आह निकलती है
हर बुरी नजर की परछाई
माँई की कृपा से टलती है
तब माँ मेरा हाथ पकड़ती है
मेरी माँ मेरा हाथ पकड़ती है
जीवन का हर पल उसका है
सब अंदर बाहर उसका है
सब सौप दिया है माँता को
मेरा जो है सब उसका है
जब कभी कभी इन कष्टों में
उम्मीद की बर्फ पिघलती है
जब वक्त बुरा आ जाने पर
ये दुनिया रंग बदलती है
तब माँ मेरा हाथ पकड़ती है
मेरी माँ मेरा हाथ पकड़ती है
तब माँ मेरा हाथ पकड़ती है
मेरी माँ मेरा हाथ पकड़ती है
माँ ध्यान में तू
माँ मेरे ज्ञान में तू
माँ मेरे मान में तू
मेरे अभिमान में तू
मन के हर नाम में तू
कृष्ण में राम में तू
तीर्थ में धाम में तू
सुबह में शाम में तू
जय माँ जय माँ कृपा करो माँ
जय माँ जय माँ दर्शन दो माँ
जय माँ जय माँ पाप हरो माँ
जय माँ जय माँ जय माँ