बाई गं लिरिक्स | Bai Ga Lyrics | Chandramukhi

बाई गं लिरिक्स | Bai Ga Lyrics | Chandramukhi राती ह्या कनकन सरत जाती व्याकुळ हे नयन सख्या नजर उताविळ घडीभर राहिना बाई गं !!! बाई गं कसं करमत न्हाई गं घाव उरी बसला कृष्णसखा दिसला || अवचित वेनू घेऊन हाता मनमोहन मन चोरून जाता || सुदबूद हरपून जाई गं ॥धृ॥ अंतरा श्वास रंगती प्राण … Read more