Bhaktamar Stotra Hindi Lyrics

Bhaktamar Stotra Hindi Lyrics भक्त अमर नत-मुकुट सुमणियों, की सुप्रभा का जो भासक। पापरूप अतिसघन-तिमिर का, ज्ञान-दिवाकर-सा नाशक॥ भव-जल पतित जनों को जिसने, दिया आदि में अवलम्बन। उनके चरण-कमल को करते, सम्यक् बारम्बार नमन॥ १॥ सकल वाङ् मय तत्त्वबोध से, उद्भव पटुतर धी-धारी। उसी इन्द्र की स्तुति से है, वन्दित जग-जन मनहारी॥ अति आश्चर्य की … Read more