datta bavani lyrics marathi

In this lyrics article you can read [post_title], with English Lyrics from category [post_category] lyrics free.

या पोस्टमध्ये तुम्हाला [post_title], English Lyrics सोबत [post_category] या श्रेणी तुन मोफत ऑनलाइन मिळेल..

datta bavani lyrics marathi

जय योगीश्वर दत्त दयाळ। तु ज एक जगमां प्रतिपाळ ।।१।।

अत्र्यनसूया करी निमित्त। प्रगट्यो जगकारण निश्चित।।२।।

ब्रम्हाहरिहरनो अवतार, शरणागतनो तारणहार ।।३।।

अन्तर्यामि सतचितसुख। बहार सद्गुरु द्विभुज सुमुख् ।।४।।

झोळी अन्नपुर्णा करमाह्य। शान्ति कमन्डल कर सोहाय ।।५।।

क्याय चतुर्भुज षडभुज सार। अनन्तबाहु तु निर्धार ।।६।।

आव्यो शरणे बाळ अजाण। उठ दिगंबर चाल्या प्राण ।।७।।

सुणी अर्जुण केरो साद। रिझ्यो पुर्वे तु साक्शात ।।८।।

दिधी रिद्धि सिद्धि अपार। अंते मुक्ति महापद सार ।।९।।

किधो आजे केम विलम्ब। तुजविन मुजने ना आलम्ब ।।१०।।

विष्णुशर्म द्विज तार्यो एम। जम्यो श्राद्ध्मां देखि प्रेम ।।११।।

जम्भदैत्यथी त्रास्या देव। किधि म्हेर ते त्यां ततखेव ।।१२।।

विस्तारी माया दितिसुत। इन्द्र करे हणाब्यो तुर्त ।।१३।।

एवी लीला क इ क इ सर्व। किधी वर्णवे को ते शर्व ।।१४।।

दोड्यो आयु सुतने काम। किधो एने ते निष्काम ।।१५।।

बोध्या यदुने परशुराम। साध्यदेव प्रल्हाद अकाम ।।१६।।

एवी तारी कृपा अगाध। केम सुने ना मारो साद ।।१७।।

दोड अंत ना देख अनंत। मा कर अधवच शिशुनो अंत ।।१८।।

जोइ द्विज स्त्री केरो स्नेह। थयो पुत्र तु निसन्देह ।।१९।।

स्मर्तृगामि कलिकाळ कृपाळ। तार्यो धोबि छेक गमार ।।२०।।

पेट पिडथी तार्यो विप्र। ब्राम्हण शेठ उगार्यो क्षिप्र ।।२१।।

करे केम ना मारो व्हार। जो आणि गम एकज वार ।।२२।।

शुष्क काष्ठणे आंण्या पत्र। थयो केम उदासिन अत्र ।।२३।।

जर्जर वन्ध्या केरां स्वप्न। कर्या सफळ ते सुतना कृत्स्ण ।।२४।।

करि दुर ब्राम्हणनो कोढ। किधा पुरण एना कोड ।।२५।।

वन्ध्या भैंस दुझवी देव। हर्यु दारिद्र्य ते ततखेव ।।२६।।

झालर खायि रिझयो एम। दिधो सुवर्ण घट सप्रेम ।।२७।।

ब्राम्हण स्त्रिणो मृत भरतार। किधो संजीवन ते निर्धार ।।२८।।

पिशाच पिडा किधी दूर। विप्रपुत्र उठाड्यो शुर ।।२९।।

हरि विप्र मज अंत्यज हाथ। रक्षो भक्ति त्रिविक्रम तात ।।३०।।

निमेष मात्रे तंतुक एक। पहोच्याडो श्री शैल देख ।।३१।।

एकि साथे आठ स्वरूप। धरि देव बहुरूप अरूप ।।३२।।

संतोष्या निज भक्त सुजात। आपि परचाओ साक्षात ।।३३।।

यवनराजनि टाळी पीड। जातपातनि तने न चीड ।।३४।।

रामकृष्णरुपे ते एम। किधि लिलाओ कई तेम ।।३५।।

तार्या पत्थर गणिका व्याध। पशुपंखिपण तुजने साध ।।३६।।

अधम ओधारण तारु नाम। गात सरे न शा शा काम ।।३७।।

आधि व्याधि उपाधि सर्व। टळे स्मरणमात्रथी शर्व ।।३८।।

मुठ चोट ना लागे जाण। पामे नर स्मरणे निर्वाण ।।३९।।

डाकण शाकण भेंसासुर। भुत पिशाचो जंद असुर ।।४०।।

नासे मुठी दईने तुर्त। दत्त धुन सांभाळता मुर्त ।।४१।।

करी धूप गाये जे एम।दत्तबावनि आ सप्रेम ।।४२।।

सुधरे तेणा बन्ने लोक।रहे न तेने क्यांये शोक ।।४३।।

दासि सिद्धि तेनि थाय। दुःख दारिद्र्य तेना जाय ।।४४।।

बावन गुरुवारे नित नेम।करे पाठ बावन सप्रेम ।।४५।।

यथावकाशे नित्य नियम।तेणे कधि ना दंडे यम ।।४६।।

अनेक रुपे एज अभंग। भजता नडे न माया रंग ।।४७।।

सहस्त्र नामे नामि एक। दत्त दिगंबर असंग छेक ।।४८।।

वंदु तुजने वारंवार। वेद श्वास तारा निर्धार ।।४९।।

थाके वर्णवतां ज्यां शेष। कोण रांक हुं बहुकृत वेष ।।५०।।

अनुभव तृप्तिनो उद्गार। सुणि हंशे ते खाशे मार ।।५१।।

तपसि तत्वमसि ए देव। बोलो जय जय श्री गुरुदेव ।।५२।।

I hope you liked [post_title], if yes then please comment below and share your thoughts.

मला आशा आहे की तुम्हाला [post_title] आवडले असेल, जर होय तर कृपया खाली comment करा आणि तुमचे विचार शेअर करा

Leave a Comment